Chhath Puja 24: नहाय खाए के साथ छठ पूजा आज से मनाया जा रहा है।

Arnav Patel

Chhath Puja : आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत आज से नहाय खाए के साथ हो चुकी है। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व कई मायनों में खास है। यह पर्व पहले सिर्फ बिहार में ही मनाया जाता था लेकिन इसकी गरिमा और महत्वता को देखते हुए अब यह पूरे भारत वर्ष में धीरे धीरे मनाने की प्रथा शुरू हो रही है। इस बार दिल्ली में भी छठ पूजा को लेकर छूटी देने का प्रावधान रखा गया है।

आइए जानते है क्यों है खास यह पर्व और इसके पीछे की महत्वता को जो इसके महापर्व बनाता है।

Chhath Puja: कौन है छठी मैया?

दोस्तो सबसे पहले हम जानेंगे कि छठी मैया कौन है। छठी मैया परम पिता ब्रह्मा की मानस पुत्री है और भगवान सूर्य देव की बहन है। हिंदू मान्यता के अनुसार मां देवी का छठ अंश है इसी कारण इन्हें छठी मैया कहा जाता है। अन्य एक मान्यता के अनुसार छठी मैया को संतान प्राप्ति की देवी भी कहा जाता है क्योंकि मान्यता के अनुसार छठी मैया को मां दुर्गा के रूप कूष्मांडा से तुलना किया जाता है।

यही कारण है के बहुत से लोग छठ पूजा इसलिए भी करते है ताकि उन्हें संतान की प्राप्ति हो सके, और देवी मां की कृपा से उनका परिवार पूर्ण हो सके।

Chhath Puja: छठ पूजा मनाने की प्रथा कब से शुरू हुई।

दोस्तो वैसे तो छठ पूजा मनाने की प्रथा आदि काल से चली आ रही है। लेकिन कुछ मान्यता के अनुसार जब भगवान राम और माता सीता चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे तब उन्होंने छठी मैया की आराधन कर के सूर्य भगवान को अर्द्ध देकर छठ पूजा की। एक अन्य मान्यता के अनुसार सूर्य पुत्र कर्ण ने इसकी शुरुआत की जब वह भगवान सूर्य को अर्ग देकर उनकी पूजा करते थे।

इसी समय एक प्रचलित मान्यता यह है के जब पांडव अपना सारा राज पाठ खो चुके थे तब भगवान श्री कृष्ण के कहने पर द्रौपदी में छठ पूजा का अनुष्ठान किया था जिससे उन्हें अपना सारा राज पाठ वापस मिला। और तभी से यह मान्यता है के अगर कार्तिक मास की चतुर्थ तिथि से यह पर्व किया जाए और छठे दिन यानी के इस पर्व के तीसरे दिन भगवान सूर्य और छठी मां का पूजन किया जाए तब जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Chhath Puja: अर्थव्यवस्था को कैसे फायदा होता है छठ पूजा में।

दोस्तो आज के इस आधुनिक युग में एक से एक आविष्कार हो रहे है है लोग टेक्नोलॉजी की तरफ भाग रहे है। इसेमें जो गरीब तबके के लोग है जो कुम्हार हुआ करते थें, बॉस से बनी सामानों को बना कर बेचते थे, धीरे धीरे विलुप्त होते जा रहे है। साथ ही इनके रोजगार भी छीन रहे है। लेकिन छठ पूजा एक ऐसा पर्व है जिसमें मिट्टी से बने घड़े, दिए, ढाक आदि का उपयोग काफी अधिक मात्रा में होता है। जिससे लघु उद्योग को भी बढ़ावा मिलता है और हमारी संस्कृति जिसमें इन सब का इस्तेमाल होता था उसे बचाए रखा है।

यह पर्व इसलिए भी खास है क्योंकि बहुत से लोगों का जीवन यापन इससे पूरा होता है चाहे वो किसी भी समुदाय से क्यों न आते हो।

Chhath Puja: क्या इसका कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण से फायदा भी है।

दोस्तो जैसा के हम जानते है के छठ पूजा ठंड शुरू होने के पहले आती है। सबसे पहले तो बताना चाहेंगे के इस समय सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाने में बहुत ही लाभदायक है यह पर्व। सुबह शाम जो अर्ग भगवान सूर्य को दिया जाता इसमें जो प्रकाश छन कर आता है पानी से, आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। साथ में इस समय विटामिन डी की मात्रा बहुत अधिक होती है शरीर के लिए बहुत ही जरूरी विटामिन है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी बहुत जरूरी होता है।

छठ पूजा में उपयोग होने वाले मिठाइयों में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है जिससे ठंड के समय शरीर को लाभ मिलता है। इन्हीं सब कारणों से छठ पूजा की चौतरफा गरिमा है और धीरे धीरे यह पूरे भारत में मनाया जाने लगा है।

दोस्तो ऊपर दी गई जानकारी विभिन्न श्रोतों से ली गई है किसी भी जानकारी की पुष्टि खबर भास्कर नहीं करता है। कोई भी पूजा विधि को करने से पहले विशेषज्ञ की राय अवश्य ले।

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