इजरायल – हिजबुल्ला का पेजर ब्लास्ट क्या है। 3000 पेजर एक साथ कैसे फटे

Khabar Bhaskar

इजरायल और गाजा का युद्ध तो काफी दिनों से चल ही रहा है, इस बीच अचानक से इजरायल के ऊपरी भाग लेबनान देश में पनप रहे आतंकवादी संगठन हिजबुल्ला के पास एक साथ 3000 पेजर में ब्लास्ट हुआ। हुआ यू के एक तरफ जहा इजरायल और हमास का युद्ध गाजा पट्टी में हो ही रहा था, उसी के बीच बीच में हिजबुल्ला भी इजरायल के ऊपर कभी कभी बॉम्ब फेक कर या रॉकेट से हमला कर रहा था। इजरायल जो के टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत आगे है और कोई भी देश इससे युद्ध में नही जीत सकता है। रॉकेट का जवाब तो इजरायल अपने रॉकेट डोम डिफेंस सिस्टम से मार गिरा रहा था। इसी बीच अपनी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर के उसने हिजबुल्ला के आतंकियों को मोबाइल लोकेशन से ढूंढ ढूंढ कर मारने लगा। इससे बचने के लिए हिजबुल्ला ने सोचा के क्यू ना पेजर का इस्तेमाल किया जाए, क्योंकि पेजर रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करता है और उसमे सटीक लोकेशन पता कर पाना मुश्किल होता है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए हिजबुल्ला ने एक साथ 3000 पेजर बनाने का ऑर्डर ताइवान को दिया जो के उसके खास खास लोगो द्वारा ही इस्तेमाल होने वाला था। ताइवान ने इस ऑर्डर को हंगरी की एक कंपनी अपोलो गोल्ड को इसको बनाए की जिम्मेदारी दी।

इसी बात का फायदा इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने उठाया और हंगरी में अपना जाल बिछाकर पेजर के निर्माण के समय ही उसके बैटरी के बगल में मात्र 30 ग्राम का विस्फोटक लगा दिया। विस्फोटक भी ऐसा की उसको फटने के लिए मात्र गर्म होने की जरूरत थी। पेजर के बैटरी में भी ऐसा उपकरण लगाया के बैटरी जल्द ही गरम होने लगती थी।

इजरायल का उद्देश एक साथ सभी प्रमुख हिजबुल्ला के लोगो को नाकाम करने का था, जिसकी तैयारी उसने फरवरी में ही कर ली थी। परंतु ब्लास्ट करने का प्लान उनका बाद का था। इसी बीच हिजबुल्ला में धीरे धीरे शक होने लगा के पेजर में जरूर कुछ गड़बड़ है, इसमें एक ने अपने सीनियर अधिकारी को सूचना देने की कोशिश भी की, परंतु वो सीनियर पदाधिकारी मोसाद का ही एजेंट निकला। पहले तो उसने उस आदमी को मार गिराए जिसे ये शक बाकियों में न फैले और साथ ही मोसाद को भी सूचना दी के जल्द से जल्द ब्लास्ट का काम किया जाए नही तो सारी प्लानिंग धरी की धरी रह जायेगी। इससे हरकत में आकर मोसाद ने 17 सितंबर के दिन 3:30 के आस पास एक साथ ब्लास्ट कर दिया क्यू के यही वो समय रहता था जब हिजबुल्ला ज्यादा एक्टिव रह कर अपनी प्लानिंग करते थें। इजरायल ने पहले तो उसमे मैसेज भेज कर पेजर में वाइब्रेशन करवाया और जब उसका इस्तेमाल करने के लिए आतंकियों ने पेजर को हाथ में लिया एक साथ विस्फोट कर दिया। किसी की आंख फट गया किसी का चेहरा, किसी का हाथ में ही ब्लास्ट हो गया और जिसने पेजर को पॉकेट से नहीं निकाल पाया उसके कमर का हिस्सा और शरीर के निचले हिस्से में ब्लास्ट होकर उनके अंगो को फार दिया। हालत ऐसी हो गई है के वे किसी भी लायक नही रह गए है। इसमें ईरान के राजदूत का भी पेजर ब्लास्ट हुआ है।

हद तो तब हो गया जब मारे गए लोगो के अंतिम यात्रा पर लोग जा रहे थें, वॉकी टॉकी में भी ब्लास्ट हो गया। छत पर लगे सोलर पैनल में भी ब्लास्ट हो रहे है। आतंकियों में इतना आतंक फैल गया है के सारे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स निकाल बाहर फेक रहे है। इसलिए आज के समय में इजरायल से युद्ध करने का साहस किसी भी देश में नही होता है। जो भी इनसे टकराने की कोशिश करते है उसे बुरी तरह से खात्मा कर देता है।

साथ में हमे यह भी समझना होगा के आज के टेक्नोलॉजी की दुनिया में जितनी तेजी से हम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर निर्भर होते जा रहे है हमारी सुरक्षा भी उतनी ही खतरनाक होते जा रहे है।

आज के समय में भी हम बहुत सारे चाइनीज मोबाइल एवम अन्य उपकरण का इस्तेमाल करते है जो सुरक्षा दृष्टिकोण से कही भी सही नही है। कोशिश करे के हम ज्यादा से ज्यादा मेड इन इंडिया सामानों का उपयोग करे। जय हिंद।।

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