इस वर्ष धनतेरस(Dhanteras 2024) का त्योहार 29 अक्टूबर 2024 को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
Dhanteras 2024:-आइए समझते है इसकी पौराणिक महत्ता को:
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि स्वयं प्रकट हुए थे, इसलिए इसे धनतेरस कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ था तब कार्तिक त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि स्वयं अपने हाथों में अमृत लेकर प्रकट हुए थे। मान्यता यह भी है के भगवान विष्णु के अंशावतार के रूप में भगवान धन्वंतरि उपस्थित हुए थे।
Dhanteras :ऐसी भी मान्यता है के संसार में चिकित्सा विज्ञान प्रसार के लिए भगवान धन्वंतरि उत्पन्न हुए थे।
धनतेरस को दिवाली आने की सूचना के रूप में भी जाना जाता है।
धनतेरस में एक खास मान्यता यह भी है के उस दिन खरीदारी करनी चाहिए। अलग अलग मान्यताओं में अलग अलग सामानों को खरीदने की प्राथमिकता है किंतु बर्तन खरीदना सबसे प्रचलित है।
Dhanteras 2024:आइए जानते है क्या क्या खरीदना शुभ होता है धनतेरस के शुभ अवसर पर:-
धनतेरस के दिन पान के पत्ते खरीद कर चढ़ने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती है। प्रचलित मान्यता के अनुसार नमक खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है, इससे मां लक्ष्मी का आगमन होता है। झाड़ू को मा लक्ष्मी का चिन्ह माना गया है, इसलिए बहुत सारे लोग झाड़ू जरूर खरीदते है धनतेरस के दिन। यही कारण है के सूर्यास्त के पश्चात झाड़ू लगाने पर मनाही है, माना जाता है के सूर्यास्त के पश्चात झाड़ू लगाने से घर की सारी लक्ष्मी भी घर से बाहर प्रवेश कर जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा जरूर खरीदनी चाहिए, इससे घर में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
Dhanteras 2024:-धनतेरस की खरीदारी में कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए
हमें नुकीली चीजों की खरीदारी से परहेज करना चाहिए। साथ ही कांच या शीशे के बर्तन को भी खरीदना इस दिन शुभ नहीं माना जाता है।
धनतेरस के दिन सोना चांदी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। चांदी का सिक्का खरीद कर तिजोरी में रखने की भी काफी प्रचलित मान्यता है। माना जाता है कि इससे धन आदि का लाभ अवश्य होता है।
Dhanteras 2024:-जाने कब है शुभ मुहूर्त:
इस बार धनतेरस का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर की शाम 6:31 मिनट से शुरू होगा जो के गोधूलि बेला भी कहते है, रात 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। धनतेरस का पूजा करने के लिए लगभग 1 घंटे 42 मिनट का शुभ समय रहेगा। पुराणों के अनुसार प्रदोष काल में धनतेरस की पूजा करना सबसे शुभ माना गया है।
यम का दिया निकलने का क्या अर्थ होता है: धनतेरस के शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि के साथ साथ, यम देव की भी पूजा होती है। मान्यता के अनुसार धनतेरस पर मृत्यु के देवता यम की पूजा करने से परिवार में आकस्मिक मृत्यु का भय खत्म होता है। इसके लिए धनतेरस की रात मुख्य द्वार पर यम का दीप जलाना चाहिए एवं उसका मुख दक्षिण की दिशा में अवश्य रखे। दीप को बनाने की भी खास विधि है। इसमें पहले जितने परिवार गण हो उतना मुट्ठी चावल को रखे उसके ऊपर चौमुखी दीप को जलाना चाहिए इससे आकस्मिक मृत्यु का भय तो खत्म होता ही है साथ इससे दुख दरिद्रता का भी नाश होता है। इसे नरक चतुर्दशी भी कहते है। इसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है।
अतः इस साल आप सभी धनतेरस का पर्व बारे ही धूम धाम से पूरे परिवार के साथ मनाए और अपने परिवार के लिए उन्नति, सुख, समृद्धि के कामना के लिए पूजा करे।
डिस्क्लेमर: खबर भास्कर ऊपर दी गई पूजा विधि या तिथि की पुष्टि नहीं करता है। इसके लिए किसी जानकार अथवा विशेषज्ञ के राय जरूर ले किसी भी पूजा विधि को करने से पहले। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी देना है जिसका विभिन्न श्रोत है।