Bihar land survey से जुड़ी सभी सब्दो को जाने , जैसे की रैयत , गैरमजरु जमीन आदि

Khabar Bhaskar

Bihar Land Survey :- दोस्तों हम सभी जानते है की आज कल बिहार में जमीन सर्वे का काम चालू है, तो आप सब को आज इस लेख में मई बिहार के जमीन सर्वे से जुड़ी जानकारी साझा करूँगा , आखिर जमीन से सम्बंधित कुछ ऐसे शब्द जैसे की खतियान, रजिस्टर 2, रैयत , दाखिल ख़ारिज , गैरमजरु , जमींदारी , ठेकेदारी , हिसेदारी , सेडुल ये सब जानकीरी आप सब को देने वाले है । तो आइये एक एक कर के इन सब्दो से जुड़े सही टेक्निकल जानकारी को समझते है ।

खतियान क्या होता है और किसे खतियान कहते है ?


खतियान एक प्रकार का मूल दस्तावेज होता है या कहे तो एक रजिस्टर होता है। पूरे गांव का जिसे मौजा भी कहते है, किस रैयत का है, किस प्रकार का जमीन है, उसपर कितना tax लगेगा, खाता नंबर क्या है, प्लॉट नंबर क्या है, सभी प्रकार का डिटेल्स इसमें अंकित होता है।
इस रिजिस्टर को सर्वे के समय तैयार किया जाता है, इसे रजिस्टर 1 भी कहते है।

एक रजिस्टर 1, 2 , और 3 क्या होता है ?

उसी रजिस्टर 1 को कॉपी कर के उसको मोहर लगा कर सत्यापित कर के या कहे तो अभिप्रमाणित कर के रैयत यानी के आपको दिया जाता है, उसकी 3 कॉपियां होती है, एक आपके पास , एक उस समय के जमींदार के पास या अभी के कार्यालय में और तीसरी प्रति सरकार के पास रहता है। अगर कोई रैयत इस दस्तावेज़ को खो देता है तो रैयत अगर चाहे तो उसको सरकारी दफ्तर में जा कर निकलवा भी सकता है, जिसे बोलचाल की भाषा में नकल निकलवाना भी कहते है।

खतियान में क्या क्या चीज़े दर्ज होती है ?

खतियान भी कई तरह के होते है, जैसे के रैयती खतियान, जिला बोर्ड खतियान, रेलवे खतियान, सरकारी जमीन का भी खतियान होता है, फिलहाल हम रैयती खतियान की बात करेंगे।

खतियान के ऊपरी भाग में सब कुछ अंकित रहता है, जैसे थाना संख्या, रजिस्टर के किस पृष्ठ में दर्ज है, हालाकि 10 -12 कॉलम होता है, सबसे पहले कॉलम में खाता नंबर दर्ज होता है, जैसे की किसी बैंक अकाउंट में 5-6 लोगो या इस से भी ज्यादा 10-12 लोग भी हो सकते है, और खाता ज्वाइंट में चलता है उसी प्रकार से एक खाता में कई रैयत रह सकते है। उसके बाद प्लॉट संख्या आता है, उसमे उस रैयत का नाम पता रहता है वह किस जाति का है: वगैरा वगैरा, तीसरे कॉलम में खेसरा संख्या होता है जिसे हम प्लॉट संख्या भी कहते है। हर प्लॉट को अलग अलग नंबर कर के बताया जाता है, साथ ही उस प्लॉट की चौहद्दी क्या है, जमीन किस प्रकार का है वह भी अंकित होता है, प्लॉट नंबर का रकबा यानी के उस जमीन का क्षेत्रफल क्या है उसे भी अंकित किया जाता है। यानी के मूलरूप से किसी जमीन के पूरे ब्यूरो को जिस रजिस्टर में लिखा जाता है उसी के कॉपी को खतियान कहा जाता है।

रैयत किसान और गैर रैयत किसान किसे कहते है ?


पहले जानते है रैयत किसे कहते है? आसान शब्दों में समझे तो जमीन मालिक को रैयत कहते है।
और जो किसान अपनी खुद की जमीन पर खेती करते है उसे रैयत किसान कहते है अथवा जो किसान दूसरो की जमीन लीज पर लेकर अथवा बटाई पर लेकर खेती करते है उसे गैर रैयती किसान कहते है।

दाखिल खारिज़ किसे कहते है ?


जब कोई भी जमीन किसी को बेचता या खरीदता है, उसमें दो चीज़ें होती है। पहला उस जमीन पर मालिकाना हक किसका है, और दूसरा इस जमीन का टैक्स कौन दे रहा है, क्योंकि दोनों का विभाग अलग अलग होता है। दोस्तो कभी भी कोई जमीन खरीदता है तो उसे दोनो विभाग को सूचित करना होता है। कुछ लोग अक्सर ये गलती करते है के जमीन खरीदते समय सिर्फ रजिस्ट्री कर के छोर दिया, और उसे रेवेन्यू डिपार्टमेंट को सूचित नही करते है। परंतु जमीन रजिस्ट्री होने के बाद जमीन मालिक को रेवेन्यू डिपार्टमेंट को भी सूचित करना होगा के मेरे नाम को दाखिल किजिए और जिससे मैंने जमीन खरीदा है उसका नाम खारिज़ किजिए, इसे ही दाखिल-खारिज़ कहते है अथवा म्यूटेशन कहते है। पहले म्यूटेशन करवाने में काफी समय लग जाता था, परंतु आज के समय में यह ऑनलाइन हो गया है और महज कुछ ही दिनों में यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

गैरमाजरू जमीन किसे कहते है

वैसी जमीन जिसका खतियान में सीधा उल्लेख नहीं है, अथवा वो किसी भी प्राइवेट आदमी के नाम से नही है। असल में भारत में पहले अंग्रेजो और मुगलों के समय में उन्होंने इंटरमीडिएरी रखा था जो जमीन की देख रेख व लगान की वसूली करते थें। वैसी जमीन को ही गैरमजूरुआ जमीन कहते है। इसमें भी दो तरह के गैरमजूरुआ जमीन होते है, पहला तो गैरमजूरुआ आम और जो जो गैरमजूरुआ जमीन किसी खास व्यक्ति के पास काफी सालों से है तो उसको गैरमजूरुआ खास/ गैरमजूरुआ मालिक कहते है।

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